तभी तो दूर तलक अब दिखती है, नई सोच की नई उड़ान। तभी तो दूर तलक अब दिखती है, नई सोच की नई उड़ान।
इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो। इनकी आभा से होते जगत उज्जवलित, कलह और यातनाओं से दूर, इन्हें मुस्कान दो।
भारत माता की सौगंध खाकर, आओ आज ये शपथ लेते है! नारी शक्ति पर आंच ना आने देंगे। भारत माता की सौगंध खाकर, आओ आज ये शपथ लेते है! नारी शक्ति पर आंच ना आने देंग...
नारी हूँ नादान नहीं बेटी हूँ बेकार नहीं, कैसे तुमने यह है माना मेरा कोई मान नहीं। नारी हूँ नादान नहीं बेटी हूँ बेकार नहीं, कैसे तुमने यह है माना मेरा कोई मान न...
चौथे रूप में जाने कितने दर्दों का तू बोझ उठाती। चौथे रूप में जाने कितने दर्दों का तू बोझ उठाती।
इस कलयुग में नारी बनकर मीरा, ढूंढ रही हैं कृष्ण को । इस कलयुग में नारी बनकर मीरा, ढूंढ रही हैं कृष्ण को ।